सूर्यनगरी के पश्चिम में जोधपुर जैसलमेर हाईवे पर जोधपुर से 25 किलोमीटर दूर पर स्थित है केरु जो कि छीतर (सेंड स्टोन) के पत्थर के कारण देश भर में प्रसिद्ध है। यहां जोधपुर का सबसे बड़ा पत्थर उद्योग है। गांव के पश्चिम किनारे स्थित मुख्य तालाब के पास स्थित माहेश्वरी मोहल्ले में अपना विद्या मंदिर है। अपने स्वयं के विशाल भवन में संचालित विद्यालय में आज के समय की आवश्यकता की सभी आधुनिक सुविधाएं एवं साधन है। 20 बीघा क्षेत्र में खेल मैदान है जहां सभी खेलों की सुविधा है। 20 x 24 के बड़े कक्षा कक्ष, विशाल वंदना सभा कक्ष, आधुनिक सुविधा युक्त काम्प्लेक्स, ठंडे पानी के लिए दो प्याऊ, सुंदर उद्यान तथा पीने के पानी की व्यवस्था है। नगर तथा आसपास के 15 गांवों से आवागमन के लिए सुविधा युक्त बसों की व्यवस्था है। प्रशिक्षित एवं विद्वान आचार्य के द्वारा टेक्नोलॉजी युक्त शिक्षण कार्य करवाया जाता है। विद्यालय की स्थापना सन 2020 में यहां के संघ के कार्यकर्ताओं तथा गणमान्य ग्रामीण जनों के सहयोग से विशाल 1008 कुंडीय यज्ञ के साथ किया गया। प्रारंभ में कक्षा द्वितीय तक भैया बहनों के साथ शिक्षण कार्य शुरू हुआ था जो आज 414 भैया बहनों को कक्षा दसवीं तक अध्ययन करवाया जाता है। शारीरिक योग संस्थान विषयों पर विशेष जोर दिया जाता है जिससे की शिक्षा के साथ संस्कार भी मजबूत हो सके। संस्कृत विद्यालय का है। श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम के साथ साथ खेलकूद मे भी विद्यालय जोधपुर का अग्रणी है। यहां के प्रतिभाशाली S.G.F.T तक प्रतिनिधित्व करते हैं। सभी उत्सव जयंती भी उत्साह पूर्वक प्रभावी ढंग से मनाई जाती है जिससे संस्कार पक्ष प्रभावी हो सके। इस प्रकार यह विद्यालय शैक्षिक, सह शैक्षिक एवं संस्कार की दृष्टि से केरू सर्वश्रेष्ठ विद्यालय है। भामाशाह के सहयोग तथा कार्यकर्ताओं की मेहनत से विद्यालय निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। चरित्रवान , राष्ट्रभक्त, सेवाभावी दयालु के निर्माण में अग्रणी इस विद्यालय को शासन से अवार्ड से नवाजा है