शिव शंकर भोले की कृपा से यह विद्या मन्दिर ग्रामीण परिवेश में सर्वोत्कृष्ट रूप में विगत 14 वर्षो से कार्य करते हुए संस्कारमय वातावरण, श्रेष्ठ नैतिक आचरण, समाजसेवा, उच्च आदर्श के रूप में प्राचीन गुरुकुल की भाँति प्रतीत होता है। आचार्य वृन्द द्वारा स्नेहपूर्ण व मृदुभाषा में अध्यापन कार्य अति विशिष्ट है। विद्यालय आस-पास के गाँवों में अपने उच्च कोटि आदर्शो के लिए सुप्रसि है। विद्यालय का सत्रारम्भ विद्यादेवी माँ सरस्वती के समक्ष यज्ञ द्वारा किया गया। सत्रांत तक होने वाले कार्यक्रम उत्सव प्रतियोगिता इत्यादि विद्या भारती पंचागानुसार सभी उत्सव सम्पन्न करवाये गये। वर्तमान में भैया-बहिन अध्ययन हेतु आते हैं। इस विद्यारूपी पावन यज्ञ में 22 आचार्य व 3 सेवाकर्मी नियमित समरसता,सुसंस्कार, हिन्दुत्व निष्ठता, अखण्डता व एकता की शिक्षा द्वारा उज्जवल भविष्य निर्माण का श्रेष्ठ पावन का कार्य करवा रहे हैं विद्यालय का गौरवमयी विशेष कार्यक्रम - विगत चार वर्षो से दो संस्कार केन्द्र संचालित करते आ रहे हैं। जिसमें भैया-बहिन निःशुल्क शिक्षा ले रहे हैं। खेल दिवस का आयोजन रखा जिसमें कक्षा तृतीया से नवमी तक सभी भैया-बहिनों ने भाग लिया।