सूर्य वीरो और शहीदों की पुण्य धरा पर एक किराए के मकान में सन 2005 में बीजारोपण मे बीजारोपण के पश्चात लगातार पंद्रह वर्षों में भामाशाह के अथक सहयोग से समाज विद्यालय स्वयं के विशाल भवन में संचालित है। तथा अपनी संस्कारमय शिक्षा की सफलता के बल पर शेरगढ़ तहसील में श्रेष्ठ विद्या मंदिर में गिना जाने लगा है। विद्यालय में पाठ्यक्रम के साथ साथ जीवन के पांच आधारभूत विषयों का अध्ययन करवाया जाता है। वर्तमान में 482 भैया बहिन संस्कारमय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। 18 आचार्य एवं तीन सहकर्मी संस्कारो के पावन यज्ञ अथार्थ भारत निर्माण में अपनी भागीदारी निष्ठा, कर्तव्य, कर्म, व कौशल से निभा रहे हैं